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Saturday, 31 December 2011

HAPPY NEW YR

चांदी जैसा आज हो , कल कंचन की खान |
हीरे सा नव वर्ष हो ,  शुभ  कामना सचान ||
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दो  जीरो बारह छुएं , निज कर से  आकाश |
'होरी ' की शुभ कामना , जीवन भरे  प्रकाश ||
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     राज कुमार सचान 'होरी'

Sunday, 27 November 2011

1857 ke shaheed


अमर स्वतंत्रता सेनानी राजा जयलाल सिंह और राजा बेनी माधव 
आज  मेरी यात्रा हुयी १८५७ प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दो अमर सेनानियों और शहीदों के ग्राम की  ....राजा जय लाल सिंह और राजा बेनीमाधव .मेरे  साथ थे  ..श्री संतराम पटेल प्रदेश  महा सचिव , श्री आर पी पटेल , श्री अम्बिका पटेल .सर्व  प्रथम मिले  रानी सावित्री देवी पत्नी स्वर्गीय राजा विन्देस्वरी प्रसाद सिंह से  उनके निवास अतरौलिया , आजमगढ़ [उत्तर प्रदेश ] रानी जो इस समय लगभग ८० वर्ष की हैं , को अपने साथ लेकर गए उनकी रियासत  ग्राम बौडरा जो अतरौलिया से मात्र कुछ किलोमीटर  पर  है और कभी इस रजवाड़े का शस्त्रागार था .
                                                     १८५७ के स्वतंत्रता के प्रथम युद्ध में लखनऊ में नवाब के सेनापति के रूप में अंग्रेजों से लोहा लिया था राजा जयलाल सिंह ,उनके भाई राजा रघुबर दयाल तथा उनके पिता  राजा दर्शन सिंह ने .राजा जय लाल की वीरता और नेतृत्व  के कारण लखनऊ में भीषण संग्राम हुआ जिसमे अनेकों बार अंग्रेज सेनाएं परास्त हुयीं . शहीद राजा जय लाल सिंह रानी लक्ष्मी बायीं ,नाना  साहब और तात्या टोपे के साथ तालमेल   कर   युद्ध  लड़  रहे   थे . जयलाल सिंह को अंग्रेजों ने फांसी दी.इनका स्मारक पार्क लखनऊ में है .
                              अतरौलिया  ,आजमगढ़ में इन शहीदों का कोई स्मारक नहीं है ,यह अफशोसजनक  है . इनकी वंशावली रानी सावित्री से पूछ  कर बनायीं जो निम्न प्रकार है ......
                                                                  राजा गरीब दास
                                                                      राजा दर्शन सिंह 
[१]पहली रानी                                               [२] मझली रानी                  [३] छोटी रानी 
एक लड़की मात्र                [१]रघुबर दयाल       [२]फ़तेह बहादुर       [१]राजा बेनी माधव [२]राजा जयलाल 
                             [१]रामस्वरूप [२]राम प्रताप                                तेज प्रताप सिंह          ठाकुर प्रसाद सिंह 
                                                                                             [१]बिहारी प्रसाद [२]बद्री नारायण    [१]नरसिंह [२]सतगुरु 
                                                                                                 [१]बिन्देस्वरी प्रसाद सिंह  [१] खुनखुन सिंह 
                                                                                                     [१]राजेंद्र प्रताप सिंह 
       रानी  श्री मती सावित्री सिंह जिनसे आज भेंट हुयी वह इन्ही बिन्देस्वरी प्रसाद सिंह की पत्नी हैं  जिन्हें लखनऊ में अनेकों बार सम्मानित किया जा चूका है . उनके पुत्र राजेंद्र प्रताप सिंह गाँव में रह कर कृषि कार्य करते हैं . मुख्य मार्ग   फैजाबाद आजमगढ़ से २ किलो मीटर स्थित अमर शहीदों के गाँव तक मात्र खडंजा है ,कंक्रीट मार्ग तक नहीं है . इस परिवार का यही दुःख है जो अंग्रेजों का साथ दे रहे थे उन्होंने इनकी भूमियों , सम्म्पत्तियों में कब्ज़ा कर लिया और आज समाज में सुविधाएँ भोग रहे है . इन्हें तो स्वतंत्रता सेनानी की सुविधाएँ तक नहीं . 
               राजेंद्र प्रताप सिंह से भेंट हुयी .उनके पांच पुत्र और पांच पुत्रिया हैं जो खेती में बस गुजर बसर कर रहे हैं .रानी सावित्री सिंह का mob ....9935435929
                                                      राज कुमार सचान 'होरी'          

Wednesday, 23 November 2011

read pateltimes


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Tuesday, 22 November 2011

maharajganj gramin bhraman

महाराजगंज[यु.पी.] में ग्रामीण भ्रमण 
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प्रसिद्ध साहित्यकार और सामाजिक चिन्तक  अखिल भारतीय कुर्मिक्षत्रिय  महा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पटेल राज कुमार सचान होरी जनपद महाराजगंज के दो दिवसीय भ्रमण में रहेंगे . ३ दिसंबर और ४ दिसंबर को चार तहसीलों में फैले ग्रामीण क्षेत्र में किसानों से जनसंपर्क कर उनकी कृषि ,परिवारिय समस्यायों पर चर्चा करेंगे .साथ में राष्ट्रीय महा सचिव श्री रामदेव पटेल और प्रदेश अध्यक्ष डाक्टर  विजय पटेल भी रहेंगे.इनके  अतिरिक्त  विश्राम चौधरी प्रदेश संगठन मंत्री , असोक पटेल प्रदेश महा सचिव , श्री कृष्ण चन्द्र वर्मा प्रदेश उपाध्यक्ष  भी दो दिवसीय दौरे में साथ रहेंगे .महा संघ के गोरखपुर मंडल  के पदाधिकरी भी ग्रामीण भ्रमण करेंगे .महाराजगंज एक खेतिहर  जिला  है जहां पर कुर्मी समाज के किसानों की भारी संख्या है जिनमें से गरीब और पिछड़े  किसानों की संख्या बहुत अधिक है.खेती का व्यवसायिक करण , शहरी रोजगार , सत्ता और साहित्य में भागीदारी पर किसान भाईयों से विमर्श किया जायेगा .जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों की उन्नति के लिए  क्या कदम आवश्यक हैं इस पर गहन चिंतन किया जायेगा. 
                                                             अपने गत भ्रमण में श्री होरी ने पाया था की यहाँ  के लोगों में बहुत उत्त्साह है और उर्जा  भी ,इन्हें राष्ट्र  के विकास  की मुख्यधारा  में आसानी से लाया जा सकता है यदि गंभीर पहल की जाय ,इसीको धन में रख राष्ट्रीय अध्यक्ष ने यह दो दिवसीय ग्रामीण भ्रमण कार्यक्रम रखा है. 
            उक्त कार्यक्रम को लेकर  जनपद में समाज के किसानों में भारी उत्साह है.कुर्मी किसानों के साथ ही श्री 'होरी' अन्य समाज के कुछ किसानों से भी मिलेंगे .
                                                                                                         ब्युरोचीफ़ पटेल टाईम्स ,गोरखपुर 

Thursday, 17 November 2011

कुर्मी और गरीबी ************************ देश में सबसे अधिक कुर्मी जाति [९९%] आज भी गांवों में रह रही है . कुर्मी जाति का मात्र 5% नौकरियों या व्यवसाय में लगा है.इन 5% को छोड़ दें तो ९५% संख्या किसानी कार्यों में आज भी गुज़र बसर करने को मजबूर है .आज सभी को पता है की पारंपरिक खेती में शुद्ध लाभ कुछ भी नहीं है . यही कारण है की किसान की आर्थिक स्थिति दिनों दिन खराब होती चली जा रही है .चूंकि देश में आज सबसे अधिक कुर्मी जाती का ही किसान है इसलिए स्पस्ट है की कुर्मियों की आर्थिक सबसे अधिक खराब होगी ही . इधर खेती के क्षेत्र में प्राइवेट कम्पनियां धीरे धीरे प्रवेश कर रही हैं जिससे होगा यह की किसानों की भूमि वे लीज़ में ले कर उसी भूमि में उन्ही किसानों को मजदूरों के रूप में रखेंगी और आज का किसान कल का मजदूर बन जाएगा . आज भी कुछ लघु और सीमान्त किसान मनरेगा में मजदूरी करते देखे जा सकते हैं .वह समय दूर नहीं जब कुर्मी समाज मजदूर बन जायेगा . चेतने का समय है.खेती क्रैश क्राप करके बचायी जा सकती है. जिले के उद्यान अधिकारी से संपर्क कर फलों ,सब्जियों और फूलों खी खेती करना सुरू कर दें .खेतों में अधिक से अधिक टीक [सागौन] के पेड़ लगाएं . यदि १०००[एकहजार] टीक लगाये जाँय तो १५ से २० सालों में वे ३ से ४ करोड़ रूपये तक हो जायेंगे और मजदूर बन्ने वाला किसान करोडपति बन जायेगा . एक उपाय यह भी है की एक दो बीघा खेत बेच कर अपने पास के कसबे में एक प्लाट ले लें जो कुछ वर्षों में ही आपकी कुल ग्रामीण भूमि से अधिक कीमती हो जायेगा . साथ ही इसके माध्यम से आप शहर में भी आ जायेंगे और नगरीय सुविधाएँ पाने लगेंगे . आईये जो जागरूक हैं वे चेतें और अपने ग्रामीण परिवारों और मित्रों को इन रास्तों पर ले आयें . यह कुर्मी समाज के साथ बहुत बड़ा उपकार होगा. राज कुमार सचान 'होरी' राष्ट्रीय अध्यक्ष ,अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय महा संघ

कुर्मी और गरीबी 
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देश में सबसे अधिक कुर्मी जाति [९९%] आज भी गांवों में रह रही है . कुर्मी जाति का मात्र 5% नौकरियों  या व्यवसाय में लगा है.इन  5% को छोड़ दें तो ९५% संख्या किसानी कार्यों में आज भी गुज़र बसर करने को  मजबूर है .आज सभी को पता  है की पारंपरिक खेती में शुद्ध लाभ  कुछ भी नहीं है . यही कारण है की किसान की आर्थिक स्थिति दिनों दिन खराब होती चली जा रही है .चूंकि देश में आज सबसे अधिक कुर्मी जाती का ही किसान है इसलिए स्पस्ट है की कुर्मियों की आर्थिक सबसे अधिक खराब होगी ही .
                                   इधर खेती के क्षेत्र में प्राइवेट कम्पनियां धीरे धीरे प्रवेश कर रही हैं जिससे होगा यह की किसानों की भूमि वे लीज़  में ले कर उसी भूमि में उन्ही किसानों को मजदूरों के रूप में रखेंगी  और आज का किसान कल का मजदूर बन जाएगा . आज भी कुछ लघु और सीमान्त किसान मनरेगा में मजदूरी करते देखे जा सकते हैं .वह समय दूर नहीं जब कुर्मी समाज मजदूर बन जायेगा .
                         चेतने का समय है.खेती क्रैश क्राप करके बचायी जा सकती है. जिले के उद्यान अधिकारी से संपर्क कर फलों ,सब्जियों और फूलों खी खेती करना सुरू कर दें .खेतों में अधिक से अधिक टीक [सागौन] के पेड़ लगाएं . यदि १०००[एकहजार] टीक लगाये जाँय तो १५ से २० सालों में वे ३ से ४ करोड़ रूपये तक हो  जायेंगे और मजदूर बन्ने वाला किसान करोडपति बन जायेगा . एक उपाय यह भी है की एक दो बीघा खेत बेच कर अपने पास के कसबे में एक प्लाट ले लें जो कुछ वर्षों में ही आपकी कुल ग्रामीण भूमि से अधिक कीमती हो जायेगा . साथ ही इसके माध्यम से आप शहर में भी आ जायेंगे और नगरीय सुविधाएँ पाने लगेंगे  .
                              आईये जो जागरूक हैं वे चेतें और अपने ग्रामीण परिवारों और मित्रों को इन रास्तों पर ले आयें . यह कुर्मी समाज के साथ बहुत बड़ा उपकार होगा.
                                                                                                    राज कुमार सचान 'होरी' 
                                                                                                           राष्ट्रीय अध्यक्ष ,अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय महा संघ 

Monday, 7 November 2011

 कुर्मी  गुर्जर एक उद्भव 
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देश में कुर्मी , कुर्मिक्षत्रिय ,वर्मा  ,कटियार ,सचान , गंगवार ,पटेल, सिग्रौर, चौधरी ,आदि आदि १३०० से भी अधिक नामों से जाने वाली यह जाती भारत के कोने कोने में फैली हुयी है |इसी प्रकार गुर्जर ,गूजर नाम से चिन्हित  जाति मुख्य रूप  से दिल्ली  ,राजस्थान  ,हरियाणा ,गुजरात ,पंजाब  और पश्चिमी  उत्तर प्रदेश में मिलती है | दोनों ही क्षत्रपति शिवाजी और सरदार पटेल को अपना पूर्वज मानती हैं | दोनों के इतिहास से स्पस्ट होता  है की दोनों का उद्गम एक है ,वंश परंपरा एक है ,दोनों खेतिहर ,कर्मठ ,क्षत्रिय जातियां हैं | अन्य अनेकों समानताएं यह बताने के लिए  पर्याप्त हैं कि दोनों ही एक ही जाति हैं |आपस में शादी विवाह हों ,रोटी बेटी के सम्बंध हों इसके लिए अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय महा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष  श्री राज कुमार सचान होरी के अथक प्रयाशों  से गुर्जर परिषद्  के पदाधिकारियों से विचार विमर्श के पश्चात यह तैय हुआ कि  आपसी मतभेद और मनभेद भुला कर एक मंच बनाया जाय ,जिसके माध्यम से स्थायी एकता स्थापित की जाय|
               दोनों जातियों के सदस्यों से अनुरोध है कि अपने अपने स्तर से भी एकता के इस पुनीत कार्य  में अपना योगदान अवश्य देते रहें  |इससे  शिवाजी और सरदार पटेल की आत्मा प्रशन्न होंगी और स्वर्ग से आशीर्वाद देंगी |

Thursday, 27 October 2011


भैया दूज मुबारक 
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भाई की उन्नति , प्रगति के लिए ,
उसके स्वास्थ्य की कामना लिए ,
बहन करती है रोचना ,लगाती है टीका ..भाई के माथ |
ताकि वह रहे हर पल भाई के साथ ,
सुख में , दुःख में .....पल पल ,हर पल साथ साथ 
जीवन भर |
                                      राज कुमार सचान 'होरी'

Wednesday, 26 October 2011

आयिये अब राष्ट्र में, दीप ऐसा हम जलाएं| मन के आँगन में बसे , हर घोर तम को हम भगाएं || रोलियां हर द्वार पर , आयिये हम मिल सजा दें , दीप के इस पर्व को हम, दीप उत्सव फिर मनाएं || राज कुमार सचान 'होरी'

आयिये   अब  राष्ट्र   में, दीप  ऐसा   हम     जलाएं|
मन  के आँगन में बसे , हर घोर तम को हम भगाएं ||
रोलियां  हर   द्वार पर , आयिये  हम  मिल  सजा दें ,
दीप  के  इस पर्व  को हम, दीप  उत्सव   फिर  मनाएं  ||
                     राज कुमार सचान 'होरी'   

Tuesday, 30 August 2011

RAJNEETI SE HI MILE ....

राजनीति  से ही मिले , प्रजातंत्र  का स्वाद |
'होरी' बिन सत्ता रहो , भिक्षुक   से  आबाद ||
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सत्ता औ साहित्य से , वर्ण  उच्च हो जाय |
'होरी' कैसे , कब कहो , कौन इन्हें  समझाय ||
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राजनीति  से जो  रहे  , सदा    दूर    ही  दूर |
'होरी' पिछड़े वे  बने   , सदियों से        भरपूर ||
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               राज कुमार सचान 'होरी' 

Monday, 29 August 2011

kisanon ke liye

किसानों  के लिए .....
                   [१] मूल्य तो कम ही मिलेगा , लागतें  ज्यादा सही ,
                      'होरी' यही तो कृषि  उपज का, राजनीतिक   खेल है |
                  [२] उत्तम खेती  ही  कहेंगे ,अधम से  भी  अधम  हो ,
                     'होरी' यही  तो, शहरियों की  कृषि  विरोधी   चाल है |
                  [३] देशी कृषक  को ,  मूल्य   कम , सुविधाएँ    कम ,
                     'होरी' विदेशी अन्न   के , हम तो कायल   पूर्व  से |

Thursday, 25 August 2011

EK GAZAL APNON KE LIYE

              एक ग़ज़ल  अपनों के लिए ....
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[1] औरों  की  ओर  ताकते कब तक युं रहोगे ,
 'होरी' स्वयं के   मध्य  से    नेता    उभारिये |
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[२] गैरों की  आरती   तो उतारी   है अब तलक ,
    'होरी'     सहोदरों   की  आरती     उतारिये   |
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[३] लड़ते रहे हैं  आप सदा     निज  कुटुंब से ,
    'होरी' अदावतों   को तो, अब तो   बिसारिये |
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[४] बीते   हैं  दिन बहुत,  यह शिर नीचे  किये हुए,
    'होरी' जी अपने आप को, अब तो   सम्हारिये |
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[5] आपस की रंजिशों का यह,  शैतान जी लिया ,
     'होरी' जी इस शैतान    का , सर  अब उतारिये |
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 [६] गैरों   के  लिए   अपनों   को  मारा  है आपने ,
    'होरी' इन  अपनों को  नहीं , अब  और    मारिये |
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                 राज कुमार सचान  'होरी'

anna ke naam khuli chitthi

  अगर लोकपाल  तानाशाह  बन गया .....
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अन्ना जी आपको सम्पूर्ण  आदर के साथ प्रणाम  करते हुए कहना चाहता हूँ  कि हमारे   संविधान निर्माताओं , स्वतंत्रता के लिए लड़ने वाले नेताओं ने ऐसी  व्यवस्था की थी जिस से प्रधान मंत्री , राष्ट्रपति , सेनाओं का प्रमुख ,उच्चतम न्यायलय का मुख्य न्यायाधीश  इनमे से कोई भी इतना सर्वशक्तिमान न बनने पाए  की एक दिन वह तानाशाह ही बन कर देश की सारी सत्ता  अपने हाथ में ले ले | इसी का परिणाम है की देश सुरक्षित है | इसी कारण आप और आप के साथ जनता आन्दोलन कर पा रही है , हर किसी को अपनी बात रखने में स्वतंत्रता है | भूल गए ७५ की इमरजेंसी ?
                        आप अपने आन्दोलन और अनसन के बल पर अगर संसद को झुका कर एक सर्वशक्तिमान , तानाशाह  लोकपाल बनवाने  में सफल हो गए और भविष्य में एक तानाशाह लोकपाल आ गया , प्रजातंत्र को नष्ट कर दिया  तब यह देश बिखर जायेगा , जिसके लिए आपको भावी पीढियां क्षमा नहीं करेंगी और न ही गाँधी , सरदार पटेल , सुभाष  , भगत सिंह जैसे अनेकों की आत्माएं तुम्हे कभी माफ़ करेंगी | अभी समय है ...थोडा सोचो ... तुम्हारे साथी भी सोचें  ऐसे ही आज़ादी नहीं मिली , इसे फिर गंवाना नहीं चाहेंगे |
                            एक और महत्वपूर्ण तथ्य  जनलोकपाल यानि अन्ना के लोकपाल पर ...शिकायत कर्ता को इतनी छूट  है कि गैर जिम्मेदाराना शिकायतों की बाढ़ आजायेगी , कार्यपालिका के काम शिथिल पड़ जायेंगे| कर्मचारी , अधिकारी , मंत्री और अन्य निर्णय लेने के लिए उत्तरदायी व्यक्ति शिकायतों के भय से  काम में अनावश्यक  विलम्ब करेंगे | कुछ  दलाल और माफिया  प्रकार के लोग कार्यपालिका को हर स्तर पर ब्लैकमेल करेंगे , परिणाम स्वरुप देश का विकास बाधित होगा |
                                         अन्ना उनके साथियों, और जनता   के नाम खुली चिट्ठी 
                                                  राज कुमार सचान 'होरी'

Sunday, 21 August 2011

  अगर लोकपाल  तानाशाह  बन गया .....
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अन्ना जी आपको सम्पूर्ण  आदर के साथ प्रणाम  करते हुए कहना चाहता हूँ  कि हमारे   संविधान निर्माताओं , स्वतंत्रता के लिए लड़ने वाले नेताओं ने ऐसी  व्यवस्था की थी जिस से प्रधान मंत्री , राष्ट्रपति , सेनाओं का प्रमुख ,उच्चतम न्यायलय का मुख्य न्यायाधीश  इनमे से कोई भी इतना सर्वशक्तिमान न बनने पाए  की एक दिन वह तानाशाह ही बन कर देश की सारी सत्ता  अपने हाथ में ले ले | इसी का परिणाम है की देश सुरक्षित है | इसी कारण आप और आप के साथ जनता आन्दोलन कर पा रही है , हर किसी को अपनी बात रखने में स्वतंत्रता है | भूल गए ७५ की इमरजेंसी ?
                        आप अपने आन्दोलन और अनसन के बल पर अगर संसद को झुका कर एक सर्वशक्तिमान , तानाशाह  लोकपाल बनवाने  में सफल हो गए और भविष्य में एक तानाशाह लोकपाल आ गया , प्रजातंत्र को नष्ट कर दिया  तब यह देश बिखर जायेगा , जिसके लिए आपको भावी पीढियां क्षमा नहीं करेंगी और न ही गाँधी , सरदार पटेल , सुभाष  , भगत सिंह जैसे अनेकों की आत्माएं तुम्हे कभी माफ़ करेंगी | अभी समय है ...थोडा सोचो ... तुम्हारे साथी भी सोचें  ऐसे ही आज़ादी नहीं मिली , इसे फिर गंवाना नहीं चाहेंगे |
                            एक और महत्वपूर्ण तथ्य  जनलोकपाल यानि अन्ना के लोकपाल पर ...शिकायत कर्ता को इतनी छूट  है कि गैर जिम्मेदाराना शिकायतों की बाढ़ आजायेगी , कार्यपालिका के काम शिथिल पड़ जायेंगे| कर्मचारी , अधिकारी , मंत्री और अन्य निर्णय लेने के लिए उत्तरदायी व्यक्ति शिकायतों के भय से  काम में अनावश्यक  विलम्ब करेंगे | कुछ  दलाल और माफिया  प्रकार के लोग कार्यपालिका को हर स्तर पर ब्लैकमेल करेंगे , परिणाम स्वरुप देश का विकास बाधित होगा |
                                         अन्ना उनके साथियों, और जनता   के नाम खुली चिट्ठी 
                                                  राज कुमार सचान 'होरी'

Saturday, 20 August 2011

RURAL INDIA: support price of grains

RURAL INDIA: support price of grains: In India particular and in general in all the nations support prices of food grains are low in comparison to its cost of product...

support price of grains

In  India  particular and in general  in all the  nations support  prices  of  food grains  are low in comparison to its  cost  of  production . In USA farmers  are  supported   through subsidy , but  in  other  countries subsidy  is  too  low . In India for  example cost  of  wheat  comes  around Rs 1500 per quental if we include labor  caste of farmer's family. Even without including it  cost  comes  to the level  of Rs  1300 per quntal . Thus farmers  are  getting less to  their cost , and this  is  why  they  are  becoming  poor  day  by  day.
                            The process of deciding support  price  is  faulty .The time will come when  farmers  will quit  agriculture . In India  news  are  coming  in good  numbers  where small and  marginal  farmers  have  left cultivation and they  are  doing  labor  in MNREGA . 
                              If this  goes on unchecked India and  the  whole  world is going to suffer  from  major  food  crisis .
                                  Raj kumar  sachan 'hori'    

Thursday, 28 July 2011

OM NAMAH SHIVAY[HORI KAVYA SAAGAR SE ]

                                                                                          ओम नमः शिवाय [होरी काव्य सागर से ]
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                                   देश में बढ़ती जाती दिनदिन,  हिजड़ों की नव टोली |
                                   हाव  भाव  हम  उनके  सीखे , सीख गए हैं ,  बोली ||
                                   गंभीर  समस्याओं  के हल  में  , बजा  रहे  हैं ताली,
                                   और उन्हीं  की भाँति निकालें  ..मुख से 'आय हाय' ||
                                    ओम    नमः   शिवाय  ,   ओम   नमः   शिवाय ||
                                  *********************************************************
                                    कभी गरीबी  , कभी  अशिक्षा , कभी धर्म  की  आड़ |
                                    जनसँख्या  के हम  नित , नित , करते   खड़े  पहाड़ ||
                                    भगवान  की देन  हैं  बच्चे, कह  पुनः  शुरू  हो जाते ,
                                    बच्चे  जनने  की मशीन  को,  निश  दिन रहे चलाय ||
                                    ओम    नमः    शिवाय  ,     ओम    नमः    शिवाय ||
                                    **********************************************************
                                    आँखों   में   पट्टी   क्यों   बाँधे , न्याय्कारिणी    देवी ?
                                    आँख  की अंधी , गाँठ  की  पूरी   , न्याय्धारिणी  देवी ||
                                     मनुज न्याय है मत्स्य न्याय क्यों बनता जाता दिन दिन?
                                     चौराहों  पर   चर्चा   क्यों   है ? आज  बिक   रहा  न्याय ||
                                     ओम    नमः    शिवाय     ,    ओम    नमः    शिवाय   ||
                                      **********************************************************
                                    कहीं  कसाब , कहीं  पर   अफज़ल,  मिलते   कहीं  सईद |
                                    भष्मासुर     आतंकी   करते  मिट्टी   ,   हिंद     पलीद || 
                                    पर भारत   में  जमें   शिखंडी ,  युद्ध    करें  क्या  खाक ,
                                    अब   आतंकवाद  में  हे  शिव  , तुम  ही  होउ   सहाय ||
                                    ओम     नमः      शिवाय  ,    ओम     नमः     शिवाय 
                                 ***********************************************************
                                                                    राज कुमार सचान 'होरी'
                                     
                       

Monday, 25 July 2011

face book ke face

                                                                                                       फेस बुक के फेस [ होरी खड़ा बज़ार   में ]
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'होरी' को  बहुत  दिनों  बाद  आज  बाज़ार  में  टहलते  हुए   पत्रकार , कवी , लेखक , समीक्षक , संपादक  , यु एस एम् पत्रिका फेम वाले आदरणीय उमासंकर मिश्र  जी मिल गए |हमेशा सीना तान कर चलने   वाले ,सर   आसमान  की   और  रखने  वाले  भाई  मिश्र  जी  आज  फेस  नीचा   किये   हुए  थे |मैनें  पूछ  लिया  आदरणीय  आज  फेस  नीचा  क्यों ? सुनते ही वह बिफर पड़े , फिर बिखरे , बिखरे  करुण रस में  डूबे हुए , भुन भुनाते हुए बोले .....'होरी' जी मैं फेस बुक के चक्कर में पड़ गया | आज हाल यह है कि ३५ वर्षों  की साहित्यिक  साधना गर्त में मिल गयी  | फेस बुक ने मेरा फेस ही बिगड़ दिया , क्या करूँ , नीचे कर के चल रहा हूँ |
                                                                                 मैंने कहा ...पहेलियाँ  न बुझाईये , माजरा क्या है ? बताईये | वह ठंडी  साँसें लेते हुए मुझसे रौद्र रस में बोले ......'होरी' , यार तुम्ही ने इस जाल में फंसा दिया |मै  सीधा  सादा  , कलम , कागज , दवात  के  बल पर साहित्य सर्जन करता था , साहित्यकार   बना  था ,डाक तार  विभाग  अधिक से अधिक  कोरियर  की  सेवाएँ  ले  लेता  था |तुम्ही ने कहा था की इंटरनेट  का युग है ....इमेल खोलो ... फेस बुक में जाओ | मै चला गया | मै भी फेस बुक वाला बन गया , चैटिंग करने लग गया , मेसेज  भेजने  लग गया  |मेरा नाम इन्टरनेट में छा गया | मै  घोड़े  की  तरह  दौड़  ही  रहा  था  कि   किसी  ने  घोड़े  को     टंगड़ी   मारी , घोड़े    ने मुझे     दुलत्ती  मारी ,मैं चारो खाने चित्त |मिश्र जी फेस जमीं में गडाए ,गडाए   बोले ...भाई मेरे विरोधिओं ने फेस बुक में  मेरे बारे  में  न जाने क्या क्या कहा .... पाखंडी , कविता चोर , कहानी चोर , साहित्य चोर , dhan hadpu  आदि आदि विशेषण तो दिए ही  'मां , 'बहन ' तक कर डाली |मैं जवाब देते देते परेशान | जितना जवाब देता उतनी ही मेरे खिलाफ मुहीम तेज | फेस बुक में मेरे खिलाफ लायिक कि बटन ऐसे दबाई   कि मुझे ही नालायक बना दिया |  
                             सब मेरे विरोधियों को लायिक कर रहे थे |

Wednesday, 20 July 2011

मुखबिर , पुलिस , प्रधान जी , और  ग्राम  सरपंच |
लाठी    पोथी  संग   सजा , ग्राम   नाट्य   का मंच ||
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मेरे  अपने  गाँव  की  ,  बात     आज  कुछ    और |
उठते   चलते    बैठते    , चले   सुरा       का    दौर ||
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टांग    खीचने  में हुआ  ,  आज  गाँव      सिरमौर |
'होरी'  उन्नति    का   चला  , अब यह     कैसा  दौर ||
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                                राज कुमार सचान 'होरी'

Friday, 1 July 2011

CHALO CHALEN GAANWON KI OR

चलो  चलें  गांवों  की  ओर  |
थामें   मात्र  सदन की डोर ||
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यह देखो  यह  चिड़िया रानी ,
कहते जिसे सभी हम मोर |
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यहाँ  नहीं  शहरी  कोलाहल ,
यहाँ  न कोई किंचित    शोर |
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चलो  चलें   हम पुनः   देखने ,
ग्राम गली   की  स्वर्णिम भोर |
########################
देखो  अपने ताल तलैया  ,
'होरी'   देखो   अपने       ढोर |
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                                            राज कुमार सचान 'होरी' 

Sunday, 26 June 2011

rural service

frinds , you are sending your village problems .rural india team will help and guide .pl be in touch.

Friday, 17 June 2011

Thursday, 16 June 2011

RURAL SERVICE

THROUGH  THIS  BLOG  WE  HELP  IN  RURAL  PROBLEMS  . SIMPLY INFORM ..[1]NAME OF VILLAGE  WITH  BLOCK AND TAHSIL  [ 2]NAME OF  DISTT [3] NAME OF  STATE [4] IMPORTANT PROBLEMS  OF VILLAGE WHICH  REQUIRES  ATTENTION  OF   DISTT  COLLECTOR/ SUPDT OF POLICE.  ALSO MENTION YOUR NAME AND  ADRESS WITH  YOUR  EMAIL ID. OUR ID  IS  rhori16@gmail.com  KEEP IN  REGULAR  TOUCH  WITH  THIS BLOG  FOR  UPDATING.
                                                     RURAL INDIA TEAM

villagers

Aproximately 88 crores   indians  are  villagers , they live in  lacs  of  villages.Such a huge  population more than all countries  except  CHINA. In indian  economy  share  of  rural  india  must  be  increased  sufficiently.Irrigation  facilties  are  poor, inputs in agriculture so  castly, rural india  depends  on  GOD.Mahatma gandhi  cottage  industry  is  the  solution  for  rural  india .

Wednesday, 15 June 2011

RURAL INDIA: chalo chalen gaanwon ki or

RURAL INDIA: chalo chalen gaanwon ki or: "चलो चलें गांवों की ओर , लेकर हाथ नगर की डोर @@@@@@@@@@@@@ देखो वहाँ नाचते मोर , बच्चे खेलें, करते शोर @@@@@@@@@@..."

chalo chalen gaanwon ki or

चलो  चलें गांवों  की  ओर  ,
लेकर  हाथ  नगर  की  डोर |
@@@@@@@@@@@@@
देखो    वहाँ  नाचते    मोर  ,
बच्चे  खेलें,  करते       शोर |
@@@@@@@@@@@@@@
देख  ग्राम  की      स्वर्णिम भोर ,
'होरी'  हो , हो ,   भाव विभोर ||
@@@@@@@@@@@@@
ग्राम  धरा   पर    हुयी   कठोर ,
'होरी'  नगर   हुए   जब  चोर   |
                राज कुमार सचान 'होरी'

Monday, 13 June 2011

gram kavita

आईये मेरे  साथ  देखिये यह  गाँव  ,
नाम कुछ  भी  रख  लो  ..........
हैं  तो  सब   एक  ही   |
खाली  हाथ   बैठे  , बस  यूँही  बातें  करते  , निरर्थक
किसी भी विषय  पर  ......कभी  कभी  पीते झगड़ते . लड़ भिड जाते ,
कोर्ट  कचहरी   ले  कर  उधार  |
खेत  मशीनों ने  कब्जा लिए  हैं ,
मजदूर नरेगा  ने  ,
खाद  , बिजली  ,पानी  सब इतने आसमान  में जा बैठे  हैं ,
कि मत  पूछो  किसान  को  बचता  क्या  है  ?
वही  भाग दौड़  बस  जिससे  वह  जिन्दा  है
शराब से गम  गलत न करे  तो  करे  क्या ?
लेखको  , कवियों  तुम्ही  देखो  .....ग्राम भारत  कहाँ  है ?
                                                  राज कुमार सचान  'होरी'

RURAL INDIA: sucides of farmers

RURAL INDIA: sucides of farmers: "Bundelkhand is a region where farmers are taking suicides in very alarming numbers.Agriculture of this region depends on rain water..."

sucides of farmers

Bundelkhand  is a region where farmers  are  taking  suicides in very alarming  numbers.Agriculture of this  region  depends  on  rain water  .In last  few  years mansoon has not been good , hence  production of  crops  decreased highly. Mainly  seven  distt ..1 banda 2hmirpur 3jhansi 4 lalitpur 5 mahoba 6 chitrakoot and 7 jalaun are worst hit .As reported suicides figures  are .......in year 2009 no. of suicides 568 in yr  2010  no. of  suicides  583 and in  2011 in just 5months  are  519 .Actualy in bundelkhand  net  income  from  agriculture  is lowest , this is why small and marginal  farmers  are  suffering a lot  . Due to  almost non income  stage  they  take  loans  from  banks but unable to return  . their  land  and  properties  are  auctioned  by  collectors. It further deteriorates farmers  life  and  lastly  they  choose 'hanged to death' option.In region  irrigation  facilties  are poor , all farming  depends on GOD who is not in favour of them even for few yrs .Rural cottage industry  is  another option , but it  must  be  in huge  scales ..and  same time  marketing  of  products must  be  done  by  govt . I have  been in distt jalaun as  sub divisional magistrate and i know prsonaly  all problems  related to  farmers .NGOS should also  work in  cottage  industries for  the  help  of  this  region. Multifacet planning  can  work here.
                                                                                 Raj kumar sachan 'hori'    

Saturday, 11 June 2011

graam dohe2

गांवों  का  धन  अन्न सब ,  जाए  नगरों   पास |
'होरी' आशा  नगर  में  ,सारे      गाँव        निराश ||
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farmers

farmers  in india  are  in very  poor  condition  . in agriculture  their  net income  is  decreased  . hence  poors  are  becoming  poorer.subsidy in agriculture  be given at  par  to  farmers  of  america. otherwise  time  will come  when  farmers will leave  farming. foodgrains again will be  imported.

Thursday, 9 June 2011

INDIA FIGHTS CASTEISM: castes backwardness

INDIA FIGHTS CASTEISM: castes backwardness: "IN INDIA CASTE SYSTEM IS FUNDAMENTALISM BASICLY OF HINDUS . IN MUSLIMS , CHRISTIANS ,SIKHS etcTHIS CAME FROM HINDUS .DUE TO ..."

kisaan berojgar

खेती  करती  आज  मशीन  |
बैठा   है  किसान  बस  दीन  ||
खाली  हाथ   जाम  ले  बैठा  |
'होरी'  कृषक  अहम् में  ऐंठा ||
आय  घटी   है  खर्चे     भारी  |
पीढ़ी  दर   पीढी      बीमारी  ||
'होरी'  अब  किसान    बीमार  |
कंधे   दे  दो      उसको   चार ||
                                       राज कुमार सचान 'होरी'

Raj Kumar Sachan 'HORI': Raj Kumar Sachan 'HORI': transfer ka GURUMANTRA

Raj Kumar Sachan 'HORI': Raj Kumar Sachan 'HORI': transfer ka GURUMANTRA

Wednesday, 8 June 2011

graam dohe

गाँव    गाँव   में  देखिये    ,  बैठे   हैं   बेकार    |
कोई  सुरा  गुलाम    है  ,  कोई  मक्खी     मार ||
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अन उत्पादक  खेत   है ,  उत्पादक  परिवार    |
आज  कृषक पर  पड़   रही  ,  होरी  दोहरी  मार ||
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बस  किसान  को  चाहिए ,  दो   हाथों  को  काम  |
'होरी'  खेती   में  नहीं     ,  दो     रोटी      का  दाम ||
                                                         राज  कुमार  सचान 'होरी' 

gram bharat

देश   की  ८०%  जनसंख्या  आज  भी  गांवों  में  बस्ती   है.  यद्यपि  यह  सही   है  कि  स्वतंत्रता  के  पश्चात  गांवों   में  बहुत   विकास  कार्य  हुए  हैं  परन्तु  ८०% जनसंख्या कि  आंशिक  बेरोजगारी   बहुत   भयावह  है. खेती  में  मशीनों  के  प्रयोग  से  ग्रामीण  किसान  और  मजदूर   बेरोजगार  हुआ है.  आज  गांवों में  लोग  काम  करते  नहीं  किसी  तरह  खाली  समय  पास  करते  मिलेंगे  . काम न होने  के कारण   शराब ,जुए और अपराध  का  बोलबाला  है. खेती  में  प्रति  hectare  आमदनी   गिरती  जा रही  है  तभी  किसान  और  मजदूर  कि  आर्थिक  स्थिति दिन पर  दिन  दयनीय  हो  रही  है.  जहां  नरेगा  से  लाभ   हो  रहा  है  वहीं  किसान  खेती  छोड़ने  लगें  है  . अनेक  लघु  और  सीमान्त   किसान  तो  अपने  खेत  balkath [अनुअल रेंट] में उठा कर  स्वयं  नरेगा  में  मजदूरी  करने  लगे  हैं.  आज  भारत  सरकार  और  प्रदेश  सरकारों  को चाहिए  कि  खेती  की लागत  कम आये  .नेट इनकम  तभी  बढाई  जा सकती  है.महात्मा  गांधी  के  कुटीर  उद्योग  गाँव  गाँव में  चलाने  होंगें . चीन  से  भी  सबक  लेने  की  जरूरत है  

Monday, 6 June 2011

DOHA

होरी  तब   भी  दीन  था , होरी  अब  भी  दीन   |    
ग्राम   वही    , धनिया   वही  , पानी वही ज़मीन ||
                                 राज  कुमार  सचान  'होरी'